CBSE NOTES for class 10 th
16. प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन : Science class 10 th:Hindi Medium NCERT Book Solutions
NCERT Books Subjects for class 10th Hindi Medium
16. प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
कोयला और पेट्रोलियम :
जीवाश्मी ईंधन: कोयला और पेट्रोलियम का महत्व
(i) जीवाश्म ईंधन अर्थात कोयला एवं पेट्रोलियम जो ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं।
(ii) औद्योगिक क्रांति के समय से हम उत्तरोत्तर अधिक ऊर्जा की खपत कर रहे हैं। (iii) इस ऊर्जा का प्रयोग हम दैनिक ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति तथा जीवनोपयोगी पदार्थों के उत्पादन हेतु कर रहे हैं।
(iv) ऊर्जा संबंधी यह आवश्यकता हमें कोयला तथा पेट्रोलियम से प्राप्त होती है।
(v) आज भी हम अपनी ऊर्जा खपत का 70 % हिस्सा कोयला और पेट्रोलियम पर निर्भर हैं |
कोयला और पेट्रोलियम जैसे ईंधनों का संरक्षण :
कोयला और पेट्रोलियम जैसे ईंधनों का संरक्षण की आवश्यकता है क्योंकि -
(i) पेट्रोलियम एवं कोयला लाखों वर्ष पूर्व जीवों की जैव-मात्रा के अपघटन से प्राप्त होते हैं।
(ii) अतः चाहे हम जितनी भी सावधानी से इनका उपयोग करें फिर भी यह स्रोत भविष्य में समाप्त हो जाएँगे। अतः तब हमें ऊर्जा के विकल्पी स्रोतों की खोज करने
की आवश्यकता होगी।
जीवाश्मी ईंधनों के उपयोग के होने वाली हानियां :
(i) वायु प्रदुषण : कोयला एवं पेट्रोलियम जैव-मात्रा से बनते हैं जिनमें कार्बन के अतिरिक्त हाइड्रोजन, नाइट्रोजन एवं सल्फर (गंधक) भी होते हैं। जब इन्हें जलाया (दहन किया) जाता है तो कार्बनडाइऑक्साइड, जल, नाइट्रोजन के ऑक्साइड तथा सल्फर के ऑक्साइड बनते हैं।
(ii) बीमारियाँ : अपर्याप्त वायु (ऑक्सीजन) में जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड के स्थान पर कार्बन मोनोऑक्साइड बनाती है। इन उत्पादों में से नाइट्रोजन एवं सल्फर के ऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड विषैली गैसें हैं जिससे कई प्रकार की श्वसन संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती है | जैसे - खांसी, दमा और अन्य कई फेंफडे की बिमारियाँ होती हैं |
(iii) वैश्विक ऊष्मन : कोयला एवं पेट्रोलियम पर विचार करने का एक अन्य दृष्टिकोण यह भी है कि ये कार्बन के विशाल भंडार हैं, यदि इनकी संपूर्ण मात्रा का कार्बन जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो गया तो वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अत्यधिक हो जाएगी जिससे तीव्र वैश्विक ऊष्मण होने की संभावना है।
ऊर्जा खपत बचाने या कम करने के उपाय :
(i) बस में यात्रा, अपना वाहन प्रयोग में लाना अथवा पैदल/साइकिल से चलना।
(ii) अपने घरों में बल्ब, फ्रलोरोसेंट ट्यूब का प्रयोग करना।
(iii) लिफ्ट का प्रयोग करना अथवा सीढि़यों का उपयोग करना।
(iv) सर्दी में एक अतिरिक्त स्वेटर पहनना अथवा हीटर या सिगड़ी का प्रयोग करना।
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