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CBSE NOTES for class 12 th

 

Chapter 1. प्रबंध की प्रकृति एवं महत्व : Business Study class 12 th:Hindi Medium NCERT Book Solutions

NCERT Books Subjects for class 12th Hindi Medium

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Chapter 1. प्रबंध की प्रकृति एवं महत्व

 

समन्वय - समन्वय से अभिप्राय उस प्रक्रिया से है जिसके द्वारा एक संगठन में की जाने वाली विभिन्न क्रियाओं के बीच तालमेल स्थापित किया जाता है | ताकि संगठन के उद्देश्यों को आसानी से प्राप्त किया जा सके |

समन्वय की प्रकृति एंव विशेषताएं -

1. समन्वय सामूहिक प्रयासों में तालमेल बैठता है - समन्वय विभिन्न क्रियाओं को एक साथ लेकर चलने में सहायता करता है ताकि निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके |

2. प्रयासों की एकात्मकता को सुनिश्चित करता है - समन्वय व्यक्तियों के प्रयासों में एकता लाकर विभिन्न विभागों को जोड़ने कार्य करता है |

3. निरन्तर प्रक्रिया - समन्वय एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है तथा सभी क्रियाओ में हमेशा  एकता और संतुलन बनाये रखने के लिए समन्वय आवश्यक है |

4. सभी प्रबंधको का उतरदायित्व है - समन्वय की जरुरत उच्च, निम्न तथा मध्यम तीनो प्रबंधकीय स्तरों पर होती है | अतः यह सभी का उतरदायित्व है की प्रबंध के प्रत्येक स्तर पर समन्वय स्थापित हो |

5. समन्वय सर्वव्यापी है - समन्वय सर्वव्यापी है क्योंकि इसकी आवश्यकता प्रबन्ध के प्रत्येक स्तर पर होती है | 

समन्वय प्रबंध का सार है -

समन्वय प्रबन्ध का ही एक हिस्सा है | समन्वय प्रबन्ध के कार्यो का ही एक भाग है अर्थात जब एक प्रबंधक प्रबंध के कार्यो नियोजन, संगठन, निर्देशन आदि कार्य कर रहा होता है उस वक्त भी वह इन कार्यो के बीच समन्वय स्थापित कर रहा होता है |

1. समन्वय तथा नियोजन - प्रबंधक जब नियोजन करता है उस वक्त भी उसका मुख्य केंद्र बिंदु समन्वय होता है तथा वह सभी विभागों को ध्यान में रख कर नियोजन करता है |

2. समन्वय तथा संगठन - प्रबंधक जब संगठन कार्य कर रहा होता है उस वक्त भी उसका मुख्य केंद्र बिंदु समन्वय होता है वह उस वक्त विभिन्न विभागों के बीच संजस्य स्थापित करने की कोशिश कर रहा होता है |

3. समन्वय तथा नियुक्तिकरण - प्रबंधक का प्रयास यह रहता है की सभी पदों पर योग्य तथा अनुभवी व्यक्तियों को भरा जाए | अर्थात नियुक्तिकरण प्रक्रिया के दौरान भी प्रबंधक का ध्यान समन्वय पर होता है |

4. समन्वय तथा निर्देशन - प्रबंधक निर्देशन प्रक्रिया के दौरान अभिप्रेरणा, पर्यवेक्षण तथा नेतृत्व में सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश करता है |

5. समन्वय तथा नियंत्रण - नियंत्रण प्रक्रिया के दौरान प्रबंधक संगठन के उद्देश्यों, उपलब्ध साधनों तथा मानवीय प्रयासों के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करता है | 

 

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