Class 9 7. जीवों में विविधता अभ्यास: NCERT Book Solutions
Class 9 chapter 7. जीवों में विविधता important extra short questions with solution for board exams and term 1 and term 2 exams.
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7. जीवों में विविधता : अभ्यास Science class 9th:Hindi Medium NCERT Book Solutions
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Class 9 7. जीवों में विविधता अभ्यास: NCERT Book Solutions
NCERT Books Subjects for class 9th Hindi Medium
7. जीवों में विविधता
Class 9 chapter 7. जीवों में विविधता important extra short questions with solution for board exams and term 1 and term 2 exams.
अभ्यास
अभ्यास:
प्रश्न1. जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ है ?
उत्तर: जीवों के वर्गीकरण से निम्नलिखित लाभ हैं:-
(1) अध्ययन में सहायक : किसी वर्ग या संघ के एक जीवधारी का अध्ययन कर लेने से हमे उस समूह के अन्य जीवधारीयों के बारे में सुगमता से अनुमान लगाया जा सकता है|
(2) विकास क्रम का ज्ञान: वर्गीकरण में जीवधारियों को उनके गुणों की जटिलता के आधार पर रखा गया हैं| इससे उनके विकास का क्रम ज्ञात हो जाता हैं| जैसे:- कोर्डेटा के अंतर्गत मत्स्य, जलस्थलचर, सरीसृप, पक्षी तथा स्तन प्राणियों का वर्गीकरण उनके लक्षणों की जटिलता के आधार पर किया जाता हैं|
(3)संयोजी कडियों का ज्ञान: जब किसी जीवधारी में दो समुदाए के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे उन दो समूहों के मध्य की संयोजी कड़ी कहते हैं| जैसे:- आर्कीओप्तेरिस्क में सरीसृप तथा पक्षी वर्ग के लक्षण पाए जाते हैं| इसके आधार पर यह अनुमान लगाया गया हैं कि पक्षियों कि उत्पति सरीसृप वर्ग के प्राणियों से हुई हैं|
(4) जलीय प्राणियों से स्थलीय प्राणियों के विकास क्रम का ज्ञान: वर्गीकरण के अध्ययन से ज्ञात होता हैं कि सरल जलीय जन्तुओ से बहुकोशिकीय जन्तुओ तथा स्थलीय जन्तुओ का विकास हुआ हैं|
इसके अतिरिक्त वर्गीकरण के फलस्वरूप पर्यावरण पारितन्त्र के घटकों, कृषि, एवं इसे हानि पहुचाने वाले जीवो, रोगजनक, रोगवाहक जीवों, जनस्वास्थ्य के घटकों का अध्ययन करने में सुगमता होती हैं|
प्रश्न2. वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे ?
उत्तर: वर्गीकरण के पदानुक्रम में जीवों को विभिन्न लक्षणों के आधार पर छोटे-छोटे समूहों में बांटते हुए वर्गीकरण की आधारभूत इकाई जाती तक पहुच जाते हैं| सबहीं जीवधारियों को उनकी शारीरिक संरचना, पोषण के स्त्रोत भोजन ग्रहण करने की विधि तथा कार्य के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है| विकास क्रम के साथ-साथ शारीरिक लक्षणों में अधिक परिवर्तन होता हैं| विकास क्रम में जो लक्षण सबसे पहले प्रदर्शित होते हैं, उन हें मूल लक्षण कहते हैं| जैव विकास के फलस्वरूप मूल लक्षण में निरंतर परिवर्तन होता हैं| जिससे जीवधारी सफलतापूर्वक जीवनयापन कर सके|
प्रश्न3. जीवों के पांच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए |
उत्तर: आर० एच०हवितेकर ने समस्त जीवधारियों को कोशिकीय संरचना, पोषण के स्रोत तथा भोजन ग्रहण करने की विधि और शारीरिक संगठन के आधार पर निम्नलिखित पाँच जगत में बांटा गया हैं:-
(1) मोनेरा जगत: इसके अंतर्गत प्रोकरियोटिक एककोशकीय जीवधारियों में रखा गया है| पोषण के आधार पर ये परपोषी या स्वपोषी होते हैं| अधिकांश जीवाणु परपोषी तथा नीले-हरे शैवाल स्वपोषी होते हैं| इनमे प्राय: कोशिका भित्ति पी जाती हैं| जैसे:- जीवाणु कोशिका, एनाबीना शैवाल|
(2) प्रॉटिस्टा जगत: इसके अंतर्गत यूकैरियोटिक, एककोशिकीय जीव पाए जाते हैं| कोशिकाओ में कोशिका भित्ति उपस्थित या अनुपस्थित होती हैं| कोशिका भित्तियुक्त कोशिकाएं पादप जगत तथा कोशका भित्ति रहित कोशिन्काए जंतु जगत की सदस्य होती हैं| जैसे:- अमीबा, पैरामिशियम, यूग्लीना|
(3) फंजाई जगत: इसके अंतर्गत यूकैरियोटिक हरित लवक रहित परपोषी पाए जाते हैं| येन परजीवी या मृतजीवी होते हैं| परजीवी अपना भोजन जीवित पोषद से प्राप्त करते हैं| परजीवी एवं पोषद में घनिष्ट स्मभंध होता हैं| मृतजीवी पोषण के लिए मृत सड़े-गले कार्बनिक पदार्थो में निर्भर करते है | जैसे :- राईजोपस, कुकुरमुत्ता(मशरूम), यीस्ट आदि|
(4) प्लांटी जगत: इसके अंतर्गत बहुकोशिकीय, यूकैरियोटिक कोशिका वाले विकसित पादप आते हैं| येन स्वपोषी होते हैं| प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोज्य पदार्थो का संस्लेषण करते हैं| इसके अंतर्गत थैलोफाईटा, ब्रायोफाईटा , टेरिडोफाईटा, जिम्नोस्पर्म, एंजियोस्पर्म|
(5) एनिमेलिया जगत: इसके अंतर्गत बहुकोशिकीय कोशिका भित्ति रहित यूकैरियोटिक कोशिका वाले जंतु पाए जाते हैं| येन पोषण की दृष्टि से परपोषी होते हैं| इसके अंतर्गत अकशेरुकी तथा कशेरुकी जंतु आते हैं|
प्रश्न4. पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं ? इस वर्गीकरण का क्या आधार हैं?
उत्तर: पादप जगत के प्रमुख वर्ग निम्न हैं :
(1)थैलोफाईटा (2) ब्रायोफाईटा (3) टेरिडोफाईटा (4) जिम्नोस्पर्म (5) एंजियोस्पर्म
पादप जगत के वर्गीकरण के मुख्य आधार:
(i) पादप शारीर के विभिन्न भागो का विकास एवं विभेदन|
(ii) पादप शारीर में जल, खनिज तथा कार्बनिक भोज्य पदार्थो का संवहन करने वाले विशिष्ट ऊतकों की अनुपस्थिति एवं उपस्थिति|
(iii) पादपो में बीजाणु अथवा बीजो द्वारा जनन|
(iv) बीज का नग्न बीजी अथवा आवृतबीजी होना |
प्रश्न5. जन्तुओ और पौधों के वर्गीकरण के आधारो में मूल अंतर क्या हैं?
उत्तर: जन्तुओ और पौधों के वर्गीकरण के आधारो में मूल अंतर निम्नलिखित हैं:
जंतु | पौधे |
1. जंतु प्रचलन अर्थात स्थान परिवर्तन करते हैं| 2. कोशिका भित्ति का आभाव होता हैं| 3. इनमें पर्णहरित का आभाव होता है| 4. येन परपोषी या विषमपोषी होते हैं| 5. जंतु एक निश्चित आयु तक वृद्धि करते हैं| |
1. पौधे स्थिर रहते हैं| 2. कोशिका भित्ति सेलुलोस की बनी होती हैं| 3. इनमें पर्णहरित पाया जाता हैं| 4. ये स्वपोषी होते हैं| 5. पौधे जीवनपर्यन्त वृद्धि करते रहते हैं| |
प्रश्न6. वर्टीब्रेटा (कशेरुकी प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए |
उत्तर: सभी वर्टीब्रेटा (कशेरुक प्राणियों) में मेरुदंड पाई जातीं है| यह पृष्ठीय खोखली मेरुरज्जु को घेरे रहती हैं| ग्रसनी विदर प्राय: भ्रूण अवस्था में ही पाए जाते हैं| जलीय जन्तुओ; जैसे मछली की वयस्क अवस्था में क्लोम पाए जाते हैं| मेरुरज्जु का अग्रभाग मष्तिक बनाता हैं|सिर पर नेत्र, कर्ण तथा घ्राणग्राही आदि संवेदी अंग होते हैं| पेंशियाँ अंतः कंकाल से लगी होती हैं| पेंशियाँ तथा अस्थियाँ प्रचलन में सहायक होती हैं|
वर्टीब्रेटा के वर्गीकरण के मुख्य आधार निम्लिखित हैं:-
(i)वयस्क अवस्था में भ्रूण अवस्था में क्लोम विदर का पाया जाना |
(ii) त्वचा पर श्लेष्म ग्रंथिया, स्वेद ग्रंथियां, तेल ग्रंथियां, दुग्ध ग्रंथियाँ आदि का पाया जाना|
(iii) बाह्य कंकाल शल्क, होर्नीप्लेट्स पर बाल से बना होता हैं|
(iv) अंतः कंकाल अस्थि या उपस्थि का बना होता हैं|
(v) श्वशन क्लोम, त्वचा या फेफड़ो द्वारा|
(vi) ह्रदय में वेश्मों की संख्या|
(vii) अग्र्पाद का पंखो में रूपांतरण|
(viii) असमतापी या समतापी|
(ix) अंडज या जरायुज|
(x) अंडे जल में देना या जल से बाहर देना | अंडे कवच युक्त या कवच रहित |
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1. Matter in Our Surroundings
2. Is Matter around us Pure
3. Atoms and Molecules
4. Structure of The Atom
5. The Fundamental Unit of Life
6. Tissues
7. Diversity in Living Organisms
8. Motion
9. Force and Laws of Motion
10. Gravitation
11. Work and Energy
12. Sound
13. Why Do We Fall ill
14. Natural Resources
15. Improvement in Food Resources