Chapter 1. यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय History Class 10 In Hindi Medium Ncert Book Solutions दीर्घ-उत्तरीय प्रश्नोत्तर
Chapter 1. यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय : दीर्घ-उत्तरीय प्रश्नोत्तर History class 10th:Hindi Medium NCERT Book Solutions
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Chapter 1. यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
दीर्घ-उत्तरीय प्रश्नोत्तर
4 अंक वाले प्रश्न:
प्रश्न - ‘पौलेंड’ में राष्ट्रीय भावनाओं के विकास मंे भाषा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर - ‘पौलेंड’ में राष्ट्रीय भावनाओं के विकास में भाषा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । रूसी कब्जे के बाद पोलिश भाषा को स्कूलों से बलपूर्वक हटाकर रूसी भाषा को हर जगह जबरन लादा गया । 1831 में रूस के विरूद्ध एक सशस्त्र विद्रोह हुआ जिसे आखिरकार कुचल दिया गया दिया । इससे अनेक सदस्यों ने राष्ट्रवादी विरोध के लिए भाषा को एक हथियार बनाया । चर्च के आयोजनों और संपूर्ण धार्मिक शिक्षा में पोलिश का इस् कि बड़ी संख्या में पादरियों और बिशपों को जेल में डाल दिया गया । इस तरह पोलिश भाषा रूसी प्रभुत्व के विरूद्ध संघर्ष के प्रतीक में देखी जाने लगी ।
प्रश्न - फ्रैंकफर्ट संसद के जर्मन राष्ट्र निर्माण में योगदान का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर - जर्मन इलाकों में बड़ी संख्या में फ्रैंकफर्ट शहर में मिलकर एक सर्व जर्मन एसेंबली के पक्ष में मतदान का फैसला किया । 18 मई 1848 को 831 निर्वाचित प्रतिनिधियों पे एक सजे धजे जुलुस में जाकर फ्रैंकफर्ट संसद में अपना स्थान ग्रहण किया । यह संसद सेंट पाॅल चर्च में आयोजित हुई | उन्होंने एक जर्मन राष्ट्र के लिए एक संविधान का प्रारूप तैयार किया । संविधानवाद की राष्ट्रीय माँग को राष्ट्रीय एकीकरण की माँग से जोड़ दिया गया । उन्होने बढ़ते जन संतोष का फायदा उठाया और एक राष्ट्र राज्य के निर्माण की माँगों को आगे बढ़ाया । इस तरह फ्रैंकफर्ट संसद के जर्मन राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
प्रश्न - 1871 के बाद बाल्कन क्षेत्र यूरोप में गंभीर राष्ट्रवादी तनाव का कारण बन गया, कथन के संदर्भ में तीन तर्क दीजिए ।
उत्तर - 1871 के बाद बाल्कन क्षेत्र यूरोप में गंभीर राष्ट्रवादी तनाव का कारण बन गया जिसके निम्न कारण है :
1. बाल्कन क्षेत्र में यूरोप के अनेक देश अपना प्रभुत्व बढ़ाना चाहते थे इसलिए उन्होनें वहाँ की समस्या को ओर भी उलझनपूर्ण बना दिया ।
2. बाल्कन क्षेत्र एक के बाद एक उसके अधीन यूरोपीय राष्ट्रीयताएँ उसके चुगंल से बाहर निकलकर स्वतंत्रता की माँग करने लगे।
3. बाल्कन लोगों ने आजादी या राजनैतिक अधिकारों के अपने दावे को राष्ट्रीयता का आधार दिया । उन्होंने इतिहास का इस्तेमाल यह साबित करने के लिया कि वे कभी स्वतंत्र थे किन्तु विदेशी शक्तियों ने उन्हें अपने आधीन कर लिया ।
प्रश्न - एकीकृत इतावली गणराज्य के निर्माण में काउंट कैमिलों दे काबूर की भूमिका को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर - एकीकृत इतावली गणराज्य के निर्माण का वास्तविक श्रेय कैवूर को ही जाता हैं । 1852 में वह साड्निर्या में वह साडनिर्या का प्रधानमंत्री बना तथा इटली के एकीकरण के कार्य में जुट गया । उसने अपनी कूटनातिक चालों द्वारा इस कार्य को पूरा किया । उसने कई युद्धों में भाग लेकर इटली के राज्यों को साडनिर्या के साथ मिलाने का प्रयत्न किया । लोम्बार्डी , मोडेना , पार्मा टस्कनी आदि राज्य धीरे धीरे विदेशी सत्ता से छुटकारा प्राप्त कर साडनिर्या में जा मिले । इतिहासकार उसे ’इटली का विस्मार्क ’ कहते है ।
प्रश्न - फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने सामाजिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए कौन से चार कदम उठाए ।
उत्तर - फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने सामाजिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए निम्नलिखित चार कदम उठाए:
1. क्रांतिकारियों ने यह भी घोषण कि , कि युरोप के लोगों को निरंकुश शासकों से मुक्ति दिलाया जाय।
2. एक नया फ्रांसीसी झंडा तैयार किया गया जिसने पहले के राजध्वज की जगह ले ली |
3. सक्रिय नागरिकों द्वारा चुनी गई एक सभा का गठन किया गया जिसका नाम नेशनल एसेम्बली रखा गया ।
4. राष्ट्र के नाम पर नयी नयी स्तुतियाँ रची गई , शपथें ली गई और शहीदों का गुणगान किया गया ।
प्रश्न - 1804 की नागरिक संहिता के चार प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए |
उत्तर - 1804 की नागरिक संहिता के चार प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
1. इस संहिता ने जन्म पर आधारित विशेषाधिकार को समाप्त कर दिया ।
2. इसने कानून के समक्ष बराबरी और संपत्ति के अधिकार को सुरक्षित बनाया ।
3. इस संहिता ने प्रशासनिक विभाजनों को समाप्त किया , सांमंती व्यवस्था को खत्म किया और किसानों को भू-दासत्व और जागीदारों से मुक्ति दिलाई ।
4. शहरों मे भी कारीगरों के श्रेणी संघों के नियंत्रणों को हटा दिया गया । यातायात और संचार व्यवस्थाओं मे सुधार किया गया । किसानों , कारीगरो मजदूरों और नए उद्योगपतियों ने नयी आजादी चखी ।
प्रश्न - वियना संधि 1815 के चार प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करों |
उत्तर - वियना संधि 1815 के चार प्रमुख विशेषताँए:
1. सन् 1815 की वियना संधि ने उन कई सारे बदलावों को खत्म किया जो नेपोलियाई युद्धों के दौरान हुए थे ।
2. इस संधि ने फ्रांसीसी क्रांति के दौरान उठाए गए बुर्बो राजा जिन्हें सत्ता में ब
इलाकों को खो दिया जिन पर कब्जा उसने नेपोलियन के अधीन किया गया था ।
3. फ्रांस की सीमा पर कई राज्यकायम कर दिए गए ताकि भविष्य में फ्रांस विस्तार न कर सके ।
4. प्रशा को उसकी पश्चिमी सीमाओं पर महत्वपुर्ण नए इलाके सौपे गए जबकि आस्ट्रीया को उतरी इटली का नियंत्रण मिला ।
प्रश्न - ‘‘ यूरोप में 1830 का दशक भारी कठिनाइयाँ लेकर आया’’ । चार कारण बताइए ।
उत्तर - यूरोप में 1830 का दशक भारी कठिनाइयाँ लेकर आया जिसके चार कारण निम्न हैं:
1. यूरोप मे जनसंख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई ।
2. ज्यादातर देशों में नोकरी ढुढ़ने वालों की तदाद उपलब्ध रोजगार से अधिक थी ।
3. नगरो के लघु उत्पादकों को अकसर इंग्लैंड से आयतित मशीन से बने सस्ते कपड़े से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा था ।
4. यूरोप के उन इलाकों में जहाँ कुलीन वर्ग अभी भी सत्ता में था क
था ।
प्रश्न - जर्मन एकीकरण प्रक्रिया के विभिन्न चरणों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर:
1. राष्ट्रवादी भावनाँए मध्य वर्ग के जर्मन के लोगों में काफी समय से थी । उन्होनें 1848 में जर्मन महांसघ के विभिन्न इलाकों को जोड़कर एक निर्वाचित संसद द्वारा शासित राष्ट्र राज्य बनाने का प्रयास किया ।
2. राष्ट्र निर्माण की यह उदारवादी पहल राजशाही व फौज की ताकत ने मिलकर दबा दी | उनका प्रशा के बड़े भू-स्वामियों ने भी समर्थन किया । ,
3. इसके पश्चात् प्रशा के प्रमुख मंत्री बिस्मार्क ने प्रशा की सेना और नौकरशाही की मदद की ।
4. सात साल के दौरान प्रशा ने आस्ट्रिया , डेनमार्क व फ्रांस को जीता । इस प्रकार जर्मन एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई । सन् 1871 में राजा विलीयम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया ।
प्रश्न - एक्ट आफ यूनियन 1707 ने किस प्रकार इंग्लैड को व्यवहारिक रूप में स्काटलैंड में पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने में सहायता की , चार बिंदुओ की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर: (Not available)
प्रश्न - इटली के एकीकृत होने से पूर्व की चार परिस्थितियों का वर्णन करो ।
उत्तर - इटली के एकीकृत होने से पूर्व की चार परिस्थितियाँ निम्न हैं:
1. इटली अनेक वंशानुगत राज्यों तथा बहुराष्ट्रीय हैब्सबर्ग साम्राज्य में बिखरा हुआ था ।
2. 19वीं शताब्दी के मध्य में इटली सात राज्यों में बटाँ हुआ था जिनमें से केवल एक सार्डनिया पीडामाॅण्ट में एक इतावली गणराज्य का शासन था ।
3. उतरी भाग आस्ट्रियाई हैब्सबर्ग के अधीन था , मध्य इलाकों पर पोप का शासन था और दक्षिणी क्षेत्र स्पेन के बुर्बो राजाओं के अधीन था ।
4. इतावली भाषा ने भी साक्षा रूप हासिल नहीं किया था और अभी तक उसके विविध क्षेत्रीय और स्थानीय रूप मौजूद था ।
प्रश्न - ‘रूपक’ से क्या तात्पर्य हैं ? फ्रांस एवं जर्मनी के सन्दर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए |
उत्तर - जब किसी अर्मूत विचार ( जैसे स्वतन्त्रता, मुक्ति, इर्ष्या को किसी व्यक्ति या चीज द्वारा इंगित किया जाता है तो उसे रूपक कहते हैं । रूपतामक कहावत के दो अर्थ होते हैं:- एक शाब्दिक ओर दूसरा प्रतीकात्मक । फ्रांसीसी क्रांति के दौरान कलाकारों ने स्वतंत्रता न्याय और गणतंत्र जैसे विचारों को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया । इन आदर्शो को विशेष वस्तुओं या प्रतीकों से व्यक्त किया गया । स्वतंत्रता का प्रतीक लाल टोपी या टूटी जंजीर और इंसाफ को आमतौर पर एक महिला के प्रतीकात्मक रूप से व्यक्त किया जाता हैं जिसकी आँखो पर पट्टी
बँधी हुई हैं और वह तराजू लिए हुए है । जर्मन में मारीआॅन की प्रतिमाँए सार्वजनिक चैकी पर लगाई गई ताकि जनता को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे और लोग उससे तादात्मय स्थापित कर सकें । मारीआॅन की छवि सिक्को और डाक टिकटों पर अंकित की गई । इसी तरह जर्मेनेयिा जर्मन राष्ट्र का रूपक बन गई |
प्रश्न - आयरलैंड के संबंध में अंग्रेजी की नीति की प्रमुख विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर - अंग्रजो न आयरलैंड में प्रोटेस्टेंट धर्म मानने वालों को बहुसंख्यक कैथिलिक देश पर प्रभुत्व बढ़ाने में सहायता की । वोल्फटोन और उसकी यूनाइटेड आयरिशमेन की अगुवाई में हुए सफल विद्रोह के बाद 1801 में आयरलैंड को बलपूर्वक यूनाइटेड किंग्डम में शामिल किया गया । एक नए ब्रितानी राष्ट्र का निर्माण किया गया जिस पर हावी आंग्ल संस्कृति का प्रचार प्रसार किया गया ।
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Chapter 1. The Rise of Nationalism in Europe
Chapter 2. The Nationalist Movement in Indo-China
Chapter 3. Nationalism in India
Chapter 4. The Making of a Global World
Chapter 5. The Age of Industrialisation
Chapter 6. Work, Life and Leisure
Chapter 7. Print Culture and the Modern World
Chapter 8. Novels, Society and History