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CBSE Notes for class 12 th


1. अर्थशास्त्र की केन्द्रीय समस्याएँ Micro Economics class 12 in hindi Medium CBSE Notes | उत्पादन संभावना वक्र . The most popular cbse notes prepared by latest cbse and ncert syllabus in both medium.;

1. अर्थशास्त्र की केन्द्रीय समस्याएँ : उत्पादन संभावना वक्र Micro Economics class 12th:Hindi Medium NCERT Book Solutions

NCERT Books Subjects for class 12th Hindi Medium

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1. अर्थशास्त्र की केन्द्रीय समस्याएँ

 

उत्पादन संभावना वक्र

उत्पादन संभावना वक्र (Production posibility curv) - उत्पादन संभावना वक्र दो वस्तुओं के विभिन्न संयोगो (combinations) को प्रकट करता है जिनका उत्पादन दिए हुए संसाधनों द्वारा किया जाता |

उत्पादन संभावना वक्र की मान्यताएं (Assumptions of PPC) -

(i) संसाधनों की एक निश्चित मात्रा दी गई है |

(ii) उपलब्ध संसाधनों का पूर्ण एंव कुशल प्रयोग किया गया है |

(iii) तकनीक में कोई परिवर्तन होता है |

उत्पादन संभावना वक्र की विशेषताएँ (Properties of PPC) -

(i) उत्पादन संभावना वक्र का ढलान नीचे की ओर होता है (PPC slops downward) - उत्पादन संभावना वक्र का ढलान दाएं से बाएँ ऊपर से नीचे की ओर होता है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि संसाधन स्थिर है तथा दो वस्तुओं के उत्पादन को एक साथ नहीं बढाया जा सकता है | एक वस्तु का उत्पादन बढ़ने के लिए दूसरी वस्तु के उत्पादन को कम करना पड़ेगा | 

(ii) उत्पादन संभावना वक्र का ढलान मूल बिंदु की ओर नतोदर होता है (PPC is concave to the point of origin) - जैसे - जैसे वस्तु x के उत्पादन में वृद्धि की जाती है वस्तु Y का उत्पादन कम होता जाता है जिससे सीमांत अवसर लागत बढती जाती है | अतः सीमांत अवसर लागत के बढ़ने के कारण उत्पादन संभावना वक्र का ढलान मूल बिंदु की ओर नतोदर होता है |

उत्पादन के प्राप्य तथा अप्राप्य संयोग (Attainable and unattainable combinations of output) -

(i) प्राप्य संयोग (Attainable combinations) - उत्पादन संभावना वक्र पर तथा उत्पादन संभावना वक्र के अन्दर उपस्थित सभी बिन्दुओं को प्राप्य संयोग कहते है |

(ii) अप्राप्य संयोग (unattainable combinations) - उत्पादन संभावना वक्र के बाहर उपस्थित सभी बिन्दुओं को अप्राप्य संयोग कहते है | 

अवसर लागत (opportunity cost) - अवसर लागत एक अवसर का लाभ उठाने के लिए दुसरे अवसर की हानि की लागत है |

जैसे - एक व्यक्ति को 20,000, 15,000 तथा 25000 की नौकरी पाने का अवसर मिला | अब एक समझदार व्यक्ति 25,000 की नौकरी का ही चयन करेगा लेकिन उसे 25,000 की नौकरी पाने के लिए दुसरे सबसे अच्छे विकल्प 20,000 की नौकरी को छोड़ना पडेगा | अतः 25,000 की नौकरी पाने की अवसर लागत 20,000 की नौकरी है |

सीमांत अवसर लागत (marginal opportunity cost) - यह वस्तु Y की उस मात्रा को प्रकट करता है जो वह वस्तु X की अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने के लिए अवश्य त्यागता है |

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इस पाठ के अन्य दुसरे विषय भी देखे :

1. अर्थशास्त्र का परिचय

2. उत्पादन संभावना वक्र

3. Page 1

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