CBSE NOTES for class 9 th
12. ध्वनि : Science class 9 th:Hindi Medium NCERT Book Solutions
NCERT Books Subjects for class 9th Hindi Medium
12. ध्वनि
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
प्रश्न - अल्ट्रासोनोग्राफी क्या है ? इस तकनीक का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में किन किन बिमारियो के निदान के लिए किया जाता है ?
उत्तर - अल्ट्रासोनोग्राफी एक तकनीक है जिसमें पराध्वनि तरंगे शरीर के उतकों में गमन करती हैं तथा उस स्थान से परावर्तित हो जाती हैं । इसके पश्चात् इन तरंगों को विद्युत संकेतों में परिवर्तित किया जाता है।जिससे उस अंग का प्रतिबिम्ब बना लिया जाता है तथा इन प्रतिबिम्बों को मॉनिटर पर या फिल्म पर मुद्रित कर लिया जाता हैं। यह तकनीक अल्ट्रासोनोग्राफी कहलाती है। इस तकनीक का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में निम्नलिखित बिमारियो के निदान के लिए किया जाता है।
(i) शरीर में उत्पन्न असमान्यताओं का पता लगाने के लिए। जैसे - ट्युमर, पित पथरी, गुर्दे का पथरी, इत्यादि।
(ii) गर्भाशय संबन्धी बिमारियों के लिए।
(iii) पेप्टिक अल्सर का पता लगाने के लिए।
प्रश्न - सोनार (SONAR) शब्द का पूरा नाम लिखों।
उत्तर - सोनार (SONAR) शब्द का पूरा नाम Sound Navigation And Ranging है।
प्रश्न - सोनार क्या है ? इसका उपयोग लिखों।
उत्तर - सोनार एक युक्ति है। जिसमें जल में स्थित पिंडों की दूरी, दिशा, तथा चाल मापने के लिए पराध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। यह एक यंत्र है जिसमें एक प्रेषित्र तथा एक संसूचक होता है और इसे नाव या जहाज में लगाया जाता है। सोनार की तकनीक का उपयोग समुद्र की गहराई ज्ञात करने तथा जल के अंदर स्थित चट्टानो, घाटियों, पनडुब्बियों, हिमशैल, डुबे हुए जहाज आदि की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न - आवृति का S.I मात्रक क्या है ?
उत्तर - आवृति का S.I मात्रक Htz हर्ट्ज है।
प्रश्न - तरंग दैर्ध्य का S.I मात्रक क्या है ?
उत्तर - तरंग दैर्ध्य का S.I मात्रक मीटर है।
प्रश्न - दो क्रमिक संपिडनो या शीर्षो के बीच की दूरी को क्या कहते है ?
उत्तर - तरंगदैर्ध्य (wavelength)
प्रश्न - अनुदैर्ध्य तथा अनुप्रस्थ तरंगों को परिभाषित कीजिए । प्रत्येक का एक एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर – (1) अनुदैर्ध्य तरंग:- तरंग जिसमें माध्यम के कण उसी दिशा में आगे पिदे कंपन करते है जिसमें तरंग चल रही होती है। अनुदैर्ध्य तरंग कहलाती है।
उदाहरण:- वायु में ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें है।
(2) अनुप्रस्थ तरंग:- तरंग जिसमें माध्यम के कण उस दिशा में जिसमें गति कर रही है, समकोण पर ऊपर नीचे कंपन करते है, अनुप्रस्थ तरंग कहलाती है।
उदाहरण:- तालाब के जल सतह पर बनी हुई जल तरंगें अनुप्रस्थ तरंगे है।
प्रश्न - ध्वनि की प्रबलता तथा तीव्रता में अंतर बताइए्।
उतर- ध्वनि तंरंग के इकाई क्षेत्रफल में जितनी उर्जा होती है वह ध्वनि की तीव्रता होती है। ध्वनी की प्रबलता की माप ध्वनी स्रोत के कंपनो द्धारा कान पर पहुचने से होती है।
प्रश्न- कनर्सट-हाल की छते वक्राकार क्यो होती है?
उतर- कनर्सट-हाल की छते वक्र्राकार इसलिए होती है जिससे ध्वनि परावर्तन के पश्चात हॉल के सभी कोनो तक पहुच जाये।
प्रश्न - ध्वनि तरंगों की प्रवृति अनुदैर्ध्य क्यों होती है ?
उत्तर - जब ध्वनि तरंग वायु से होकर गुजरती है, वायु के कण ध्वनि तरंग की दिशा के समान्तर आगे पीछे कंपन करते हैं । इसी प्रकार ध्वनि तरंग क्षैतिज दिशा में चलती है, तो माध्यम के कण भी क्षैतिज दिशा में आगे पीछे कंपन करते है। अतः ध्वनि तरंगे, अनुदैर्ध्य तरंगें होती है |
प्रश्न - तडित बिजली की चमक तथा गर्जन साथ साथ उत्पन्न होते है। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकेंण्ड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों ?
उत्तर - तडित बिजली की चमक तथा गर्जन साथ साथ उत्पन्न होते है। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकेंण्ड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है क्योंकि प्रकाश की चाल, ध्वनि की चाल से तीव्र होती है। चूकिं प्रकाश (चमक) हम तक जल्दी पहुँच जाता है और गर्जन (ध्वनि) हम तक निम्न चाल के कारण देर से सुनाई देती हैं।
प्रश्न - ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यवहारिक उपयोग लिखिए।
उत्तर –
(i) मेगाफोन या लाऊडस्पीकर, हार्न तथा शहनाई जैसी वाद्ययंत्र सभी इस युक्ति के अधार पर बनाये जाते हैं।
(ii) स्टेथोस्कोप में रोगी के हृदय की धडकन की ध्वनि बार बार परिवर्तन के कारण डॉक्टर के कानों तक पहुँचती है।
प्रश्न - ध्वनि की प्रबलता से क्या तात्पर्य है ? यह किन कारको पर निर्भर करता है ?
उत्तर - किसी एकांक क्षेत्रफल इसे एक सेकेंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की प्रबलता कहते है। प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप है। ध्वनि की प्रबलता कंपन्न के आयाम पर निर्भर करते है।
प्रश्न - तरंग गति क्या है ?
उत्तर - तरंग गति माध्यम से प्रगमन करता हुआ कंपन विक्षोभ है जिसमें दो बिन्दुओं के बीच सीधे संपर्क हुए बिना एक दुसरे बिन्दु को ऊर्जा स्थानांतरित की जाती हैं।
प्रश्न - अनुप्रस्थ तरंगे तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में कोई दो अंतर लिखों।
उत्तर -
अनुप्रस्थ तरंगे
(i) इन तरंगों से माध्यम के कण गति की दिशा के लंबवत् गति करते है।
(ii) इन तरंगों के शिर्ष एवं गर्त बनते है।
अनुदैर्ध्य तरंगे
(i) इन तरंगों से माध्यम के कण गति की दिशा के अनुदिश गति करते है।
(ii) इन तरंगों में संपीडन व विरलन बनते है।
प्रश्न - मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता हैं ? विवेचना कीजिए।
उत्तर - बाहरी कान परिवेश से ध्वनि को एकत्रित करता हैं तथा एकत्रित ध्वनि श्रवण नलिका से गुजरती है । श्रवण नलिका के सिरे पर एक पतली झिल्ली होती है जिसे कर्ण पटह कहते है। जब माध्यम के संपीडन कर्ण पटह तक पहुचते है तो झिल्ली के बाहर लगने वाला दाब बढ जाता है और यह कर्ण पटह को अंदर की ओर दबाता हैं, इसी प्रकार विरलन के पहुचने पर कर्ण पटह बाहर की ओर गति करता हैं। इस प्रकार कर्ण पटह कंपन करता है। कर्ण पटह के भीतर मध्य कर्ण में इलियम, मेलियस, और स्टेपीस नाम की तीन हड्डियाँ इन कंपनों को कई गुना बढा देती हैं । मध्य कर्ण इन ध्वनि तरंगों को आंतरिक कर्ण तक पहुँचा देता है। आंतरिक कर्ण में उपस्थित कर्णावत (कोक्लीया) इन दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों में बदलकर श्रवण तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है।
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