CBSE NOTES for class 11 th
1. संविधान - क्यों और कैसे : Political Science class 11 th:Hindi Medium NCERT Book Solutions
NCERT Books Subjects for class 11th Hindi Medium
1. संविधान - क्यों और कैसे
संविधान का कार्य :
संविधान की रचना : 1935 में स्थापित प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष विधि से संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव हुआ। संविधान सभा की रचना लगभग उसी योजना के अनुसार हुई जिसे ब्रिटिश मंत्रिमंडल की एक समिति - ‘कैबिनेट मिशन’ ने प्रस्तावित किया था।
पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई और फिर 14 अगस्त, 1947 को विभाजित भारत के संविधान सभा के रूप में इसकी पुनः बैठक हुई। संविधान सभा के सदस्य 1935 में स्थापित प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष विधि से चुने गए। संविधान सभा की रचना लगभग उसी योजना के अनुसार हुई जिसे ब्रिटिश मंत्रिमंडल की एक समिति - ‘कैबिनेट मिशन’ ने प्रस्तावित किया था।
- प्रत्येक प्रांत, देशी रियासत या रियासतों के समूह को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटें दी गईं। मोटे तौर पर दस लाख की जनसंख्या पर एक सीट का अनुपात रखा गया।
- परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार के प्रत्यक्ष शासन वाले प्रांतों को 292 सदस्य चुनने थे तथा देशी रियासतों को न्यूनतम 93 सीटें आवंटित की गईं।
- प्रत्येक प्रांत की सीटों को तीन प्रमुख समुदायों - मुसलमान, सिख और सामान्य में उनकी जनसंख्या के अनुपात में बाँट दिया गया।
- प्रांतीय विधान सभाओं में प्रत्येक समुदाय के सदस्यों ने अपने प्रतिनिध्यिों को चुना और इसके लिए उन्होंने समानुपातिक प्रतिनिधित्व और एकल संक्रमण मत प्रणाली का प्रयोग किया।
- देशी रियासतों के प्रतिनिधियों के चुनाव का तरीका उनके परामर्श से तय किया गया।
- अध्याय के पिछले भाग में उन तीनों कारकों पर प्रकाश डाला गया जो संविधान को प्रभावी और सम्मान के योग्य बनाते हैं।
संविधन सभा का स्वरूप
3 जून 1947 की योजना के अनुसार विभाजन के बाद वे सभी प्रतिनिधि संविधान सभा के सदस्य नहीं रहे जो पाकिस्तान के क्षेत्रों से चुनकर आये थे। संविधान सभा के वास्तविक सदस्यों की संख्या घट कर 299 रह गई। इनमें से 26 नवंबर, 1949 को कुल 284 सदस्य उपस्थित थे। इन्होंने ही अंतिम रूप से पारित संविधान पर अपने हस्ताक्षर किये।
हमारी संविधान सभा के सदस्य सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर नहीं चुने गये थे पर उसे ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधिपरक बनाने का गंभीर प्रयास किया गया। सभी धर्मों के सदस्यों को ऊपर बतायी गयी विधि से प्रतिनिधित्व दिया गया। इस के अतिरिक्त संविधान सभा में अनुसूचित जातियों के अट्ठाईस सदस्य थे। जहाँ तक राजनीतिक दलों का सवाल है विभाजन के बाद संविधान सभा में काँग्रेस का वर्चस्व था और उसे 82 प्रतिशत सीटें प्राप्त थीं। लेकिन काँग्रेस स्वयं विविधताओं से भरी हुई एक ऐसी पार्टी थी जिसमें लगभग सभी विचारधराओं की नुमाइंदगी थी।
विभिन्न देशों के संविधानों से भारतीय संविधान में लिये गए प्रावधान:
ब्रिटिश संविधान से लिया गए प्रावधान:
- सर्वाधिक मत के आधार पर चुनाव में जीत का फ़ैसला
- सरकार का संसदीय स्वरूप
- कानून के शासन का विचार
- विधयिका में अध्यक्ष का पद और उनकी भूमिका
- कानून निर्माण की विधि
आयरलैंड के संविधान से लिए गए प्रावधान:
- राज्य के नीति निर्देशक तत्व
फ़्रांस के संविधान से लिए गए प्रावधान:
- स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का सिद्धांत
अमेरिका का संविधान से लिए गए प्रावधान:
- मौलिक अधिकारों की सूची
- न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति और न्यायपालिका की स्वतंत्रता
कनाडा के संविधान से लिए गए प्रावधान:
- एक अर्ध-संघात्मक सरकार का स्वरूप
- अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत
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