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CBSE NOTES for class 9 th

 

2. यूरोप में समाजवाद एवं रुसी क्रांति : History class 9 th:Hindi Medium NCERT Book Solutions

NCERT Books Subjects for class 9th Hindi Medium

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2. यूरोप में समाजवाद एवं रुसी क्रांति

 

मुख्य बिंदु:-


  • उदारवादी एक विचारधारा है जिसमें सभी धर्मों को बराबर का सम्मान और जगह मिले | वे व्यक्ति मात्र के अधिकारों की रक्षा के पक्षधर थे|
  • समाजवादियों ने अपने प्रयासों में समन्वय लाने के लिए 1870 के दशक में द्वितीय इंटरनेशनल नाम से संस्था बनाई |
  • 1917 में ज़ार का शासन खत्म होने के कारण 85% जनता कृषि पर निर्भर थी| किसानो की दशा खराब थी| बेरोजगार किसान धर्मार्थ लंगरों में खाना खाते थे और खस्तहाल मकानों में रहते थे| मजदूरों की दशा भी ख़राब थी| 

  •  फरवरी 1917 में राजशाही के पतन और 1917 के ही अक्टूबर के मिश्रित घटनाओं को अक्टूबर क्रांति कहा जाता है | अक्टूबर क्रांति के जरिए रूस की सत्ता पर समाजवादियों ने कब्ज़ा किया|

  •  रूस में जार शासन में जनवरी 1905 ई0 के एक रविवार के दिन कुछ लोगों ने जुलुस निकालकर जार से मिलने और एक याचिका देने की कोशिश किया परन्तु जार के सैनिकों ने उन पर गोलियाँ बरसाई जिसमें लगभग एक हजार मजदूर मारे गए और कई हजार घायल हुए इसलिए इस हत्याकांड को खुनी रविवार के नाम से प्रसिद्ध हुआ |

  • समाजवादी निजी सम्पति का विरोध इसलिए कर रहे थे क्योंकि निजि सम्पतियाँ सामंतवाद और समाज में असंतुलन को जन्म देते है | 

  •  समाजवादी विचारधारा , जो समाज के पुर्नगठन का काम करती है |

  • रैडिकल समूह  किसी भी निजी सम्पतियों के विरोधी नहीं थे लेकिन केवल चंद लोगों के पास सम्पति के केन्द्रण के खिलाफ थे | 

  •  1914 तक यूरोप में समाजवादी कही भी सरकार बनाने में सफल इसलिए नहीं पाए पाए क्योंकि सरकरों में रुढ़िवादियों, उदारवादियों और रैडिकलों का ही दबदबा बना रहा | 

  • बोल्वेशिक रूस की एक राजनैतिक पार्टी थी जिसका नेता लेनिन था | उनकी तीन  माँगे  थी -युद्ध को तुरंत बंद किया जाए , सारी जमीन किसानों को सौप देनी चाहिए |और  बैंकों का राष्ट्रियकरण किया जाए|

  • रूस के किसान समय-समय पर सारी जमीन को अपने कम्यून को सौप देते थे और फिर प्रत्येक परिवार की जरुरत के अनुसार के हिसाब से किसानों की जमीन बाँटी जाती थी|

  •  1789 ई0 की फ्रांस की क्रांति जिसने विश्व में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के तीन महान सिद्धांतों नींव राखी जो लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्तंभ सिद्ध हुए | 

  •  सोवियत शब्द रूस में मजदूरों और किसानों के संघ को कहा जाता है | 

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