CBSE Notes for class 9 th
1. हमारे आस-पास के पदार्थ Science class 9 in hindi Medium CBSE Notes | विसरण. The most popular cbse notes prepared by latest cbse and ncert syllabus in both medium.;
1. हमारे आस-पास के पदार्थ : विसरण Science class 9th:Hindi Medium NCERT Book Solutions
NCERT Books Subjects for class 9th Hindi Medium
1. हमारे आस-पास के पदार्थ
विसरण
1. हमारे आस-पास के पदार्थ
(Science-IX)
विसरण (Diffusion): दो विभिन्न पदार्थों के कणों का स्वत: मिलना विसरण कहलाता है |
विसरण एक प्रक्रिया है जिसमें पदार्थ के कण अपने आप ही एक दुसरे से अंत:मिश्रित हो जाते है | ऐसा कणों के रिक्त स्थानों में समावेश के कारण होता है |
ठोस, द्रव और गैस पदार्थ की ये अवस्थाएँ उसके कणों की विभिन्न विशेषताओं के कारण होता है |
द्रवों में विसरण (Diffusion in Liquids): द्रव में ठोस, द्रव और गैस तीनों का विसरण संभव हैं | ठोसों की अपेक्षा द्रवों में विसरण की दर अधिक होती है | ऐसा इसलिए है क्योंकि द्रव अवस्था में पदार्थ के कण स्वतंत्र रूप से गति करते है और ठोस की अपेक्षा द्रव के कणों में रिक्त स्थान भी अधिक होता है |
द्रवों में गैसों का विसरण : जलीय जीव जल में घुली ऑक्सीजन का उपयोग श्वास लेने के लिए करते है |
गैसों में विसरण (Diffusion In Gases): गैसों में संपीड्यता ठोस एवं द्रव की अपेक्षा अधिक होती है | इनके कणों के बीच रिक्त स्थान अन्य अवस्थाओं की अपेक्षा अधिक होती है, और कणों के बीच आकर्षण बल भी काफी कम होता है | जिससे कणों की तेज गति और अत्यधिक रिक्त स्थान के कारण गैसों का अन्य गैसों में विसरण बहुत तीव्रता से होता है |
पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन :
पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन होने के कारण निम्न है :
- कणों के बीच रिक्त स्थान में कमी या वृद्धि अवस्था में परिवर्तन ला सकता है |
- यदि पदार्थ के कणों की गतिशीलता बढ़ा या घटा दी जाये तो अवस्था में परिवतन लाया जा सकता है |
- यदि पदार्थ के कणों के बीच आकर्षण बल को कम या अधिक कर दिया जाये तो पदर्थ की अवस्था में परिवर्तन लाया जा सकता है |
उपरोक्त सभी विन्दुओं से यह पता चलता है कि पदार्थ की अवस्थाओं में परिवर्तन उनके विभिन्न गुणों में परिवर्तन के कारण होता है | अब इन गुणों में परिवर्तन लाने वाले भौतिक कारक क्या हैं ?
पदार्थ के गुणों में परिवर्तन लाने वाले भौतिक कारक जिससे अवस्था में परिवर्तन होता है :
(1) तापमान
(2) दाब
1. तापमान : किसी भी अवस्था में यदि तापमान बढ़ाने पर पदार्थ के कणों की गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) बढ़ जाती है | गतिज ऊर्जा में वृद्धि होने के कारण कण और अधिक गति से कम्पन अकरने लगते हैं | ऊष्मा के द्वारा प्रदान की गई ऊर्जा कणों के बीच के आकर्षण बल को पर कर लेती है | इस कारण कण अपने नियत स्थान छोड़कर अधिक स्वतंत्र होकर गति करने लगते हैं | फिर एक ऐसी अवस्था आती है, जब ठोस पिघलकर द्रव में परिवर्तित हो जाता है |
विभिन्न तापों पर जल की भौतिक अवस्था :
(1) ठोस
अवस्था | तापमान | पदार्थ का नाम |
ठोस | 0o C | बर्फ |
तरल | 25o C | जल |
गैस | 100o C | जल-वाष्प |
2. दाब : हम ये जान चुके है कि पदार्थ के कणों के बीच की दुरी बढ़ने या घटने से पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन होता है | यदि किसी पदार्थ की अवस्था को परिवर्तित करना है तो दाब भी यही कार्य करता है | दाब बढ़ने या घटने से पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन आती है | जैसे -सिलिंडर में भरा गैस संपीडित (दाब ) करके बहुत अधिक मात्रा में गैसों को तरल रूप में एक छोटे से सिलिंडर में भरा जाता है |
तापमान और दाब पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन लाने के लिए उत्तरदायी है |
शुष्क बर्फ (Dry Ice)
ठोस CO2 जिसे उच्च दाब पर रखा जाता है | अत्यधिक उच्च दाब में रखने के कारण ही यह ठोस अवस्था में रह पाता है, अन्यथा 1 एट्मोसफेअर वायुमंडलीय दाब पर ठोस कार्बोब डाइऑक्साइड द्रव अवस्था में आये बिना सीधे गैस में परिवर्तित हो जाती है | यही कारण है कि ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ (Dry Ice) भी कहते है |
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