CBSE NOTES for class 11 th
Chapter 1. व्यवसाय के आधार : Business Study class 11 th:Hindi Medium NCERT Book Solutions
NCERT Books Subjects for class 11th Hindi Medium
Chapter 1. व्यवसाय के आधार
व्यावसायिक जोखिम : व्यावसायिक जोखिम से अभिप्राय लाभ या हानि होने होने की उस संभावना से है जिस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता है तथा जो अनिश्चित या अचानक हुई घटनाओ के कारण होते है | जैसे - उपभोगताओ की मांग में परिवर्तन , आग लगाना , चोरी होना आदि |
व्यासायिक जोखिम का अर्थ : जोखिम व्यवसाय की एक मुख्य विशेषता है| व्यवसाय में
इस विशेषता के पाए जाने का कारण व्यवसाय क्रियाओं का भविष्य में लगातार चलते रहना है और भविष्य अनिश्चित होता है| अनिश्चितता जोखिम की जन्मदाता होती है |कल क्या होने वाला है इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नही खा जा सकता है
व्यवसाय में हानि की सम्भावना को ही व्यावसायिक जोखिम कहते है|
व्यासायिक जोखिमो की प्रक्रति : व्यासायिक जोखिम की प्रक्रति से संबंधित निम्नलिखित आवश्यक बातें हैं -
(1) जोखिम अनिश्चिताओं का परिणाम : जोखिम अनिश्चिताओं का परिणाम होती है| अनिश्चितता मानवीय,व्यासायिक या प्राक्रतिक कोई भी हो सकती है
(अ)मानवीय अनिश्चितता- हड़ताल ,चोरी आदि |
(ब)व्यासायिक अनिश्चितता - मांग का गलत अनुमान , मूल्यों में परिवर्तन आदि |
(स) प्राक्रतिक अनिश्चितता - भूकम्प ,सूखा , हिमपात , महामारी आदि |
(2) जोखिम से बचा नही जा सकता : एक व्यवसायी जोखिमों के जाल से नहीं निकल; सकता | इसका एकमात्र कारण यह है की व्यवसाय भविष्य के लिए किया जाता है और भविष्य अनिश्चित है |
(3) जोखिम की मात्रा व्यवसाय के आकार के अनुसार : जोखिम की मात्रा छोटे आकार के व्यवसाय में कम और बड़े आकार के व्यवसाय में अधिक होती है |
(4) जोखिम का प्रतिफल लाभ : व्यवसायी को जोखिम उठाने के बदले जो मिलता है वह लाभ होता है | जितना अधिक जोखिम होता है उतने अधिक लाभ की सम्भावना रहती है |
(5) व्यवसाय की प्रकृति पर जोखिम की मात्रा निर्भर करती है: जोखिम की मात्रा व्यवसाय की प्रकृति पर निर्भर करती है | दूसरी ओर जिन व्यवसायों में फैशन वाली चीजे बेचीं जाती है वहां
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