atp logo  ATP Education
Hi Guest

CBSE NOTES for class 9 th

 

1. फ़्रांसिसी क्रांति : History class 9 th:Hindi Medium NCERT Book Solutions

NCERT Books Subjects for class 9th Hindi Medium

Page 2 of 4

1. फ़्रांसिसी क्रांति

 

फ्रांस में राजशाही का अंत : 

सन् 1792 की गर्मियों में जैकोबिनों ने खाद्य पदार्थों की महँगाई एवं अभाव से निराश पेरिसवासियों को लेकर एक विशाल हिंसक विद्रोह की योजना बनायी। 10 अगस्त की सुबह उन्होंने ट्यूलेरिए के महल पर धावा बोल दिया, राजा के रक्षकों को मार डाला और खुद राजा को कई घंटों तक बंधक बनाये रखा। बाद में असेंबली ने शाही परिवार को जेल में डाल देने का प्रस्ताव पारित किया। नये चुनाव कराये गए। 21 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी पुरुषों - चाहे के पास संपत्ति हो या नहीं - को मतदान का अधिकार दिया गया।  21 सितम्बर 1792 को इसने राजतंत्र का अंत कर दिया और फ्रांस को एक गणतंत्र घोषित कर दिया | 

फ्रांस में गणतंत्र की घोषणा : 21 सितम्बर 1792 को फ्रांस को एक गणतंत्र घोषित कर दिया | इसकी घोषणा नवनिर्वाचित असेंबली ने की जिसकों कन्वेशन का नाम दिया गया | 

लूई XVI की मौत : लुई XVI को न्यायालय द्वारा देशद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुना दी गई। 21 जनवरी 1793 को प्लेस डी लॉ कॉन्कॉर्ड में उसे सार्वजनिक रूप से फाँसी दे दी गई। जल्द ही रानी मेरी एन्तोएनेत का भी वही हश्र हुआ। 

देशद्रोह शब्द का अर्थ : अपने देश या सरकार से विश्वासघात करना देशद्रोह कहलाता है |

मैक्समिलियन रोबेस्प्येर : मैक्समिलियन रोबेस्प्येर जैकोबिन क्लब का प्रमुख नेता था | फ्रांस में गणतंत्र की स्थापना के बाद रोबेस्प्येर की सरकार बनी | उसने नियंत्रण एवं दंड की सख्त नीति अपनाई | वह अपनी नीतियों को इतनी सख्ती से लागु किया कि उसके समर्थक भी त्राहि-त्राहि करने लगे | अंततः जुलाई 1794 में न्यायालय द्वारा उसे दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार करके अगले ही दिन उसे गिलोटिन पर चढ़ा दिया गया। जैकोबिनों (रोबेस्प्येर ) के सन 1793 से 1794 के शासन को फ्रांस के इतिहास में आतंक का राज कहा जाता था | 

गिलोटिन : गिलोटिन दो खंभों के बीच लटकते आरे वाली मशीन था जिस पर रख कर अपराधी का सर धड से अलग कर दिया जाता था | 

फ्रांस में जैकोबिन का शासन / आतंक राज :

जैकोबिन का शासन सन 1793 से 1794 के शासन को ​फ्रांस के इतिहास में आतंक का युग कहा गया है | जिसका शासक मैक्समिलियन रोबेस्प्येर था | इस शासन को आतंक राज इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि :

(i) उसने नियंत्रण एवं दंड की सख्त नीति अपनाई | 

(ii) गणतंत्र के शत्रु अथवा उसके राजनितिक विरोधी, उसकी कार्यशैली से असहमति रखने वाले पार्टी सदस्य सभी को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया | 

(iii) एक क्रन्तिकारी न्यायलय द्वारा उन पर मुक़दमा चलाया गया दोषी पाने पर उन्हें गिलोटिन पर चढ़ा दिया जाता था | 

(iv) रोबेस्प्येर सरकार ने कानून बना कर मजदूरी एवं कीमतों की अधिकतम सीमा तय कर दी।

(v) गोश्त एवं पावरोटी की राशनिंग कर दी गई तथा किसानों को अपना अनाज शहरों में ले जाकर सरकार द्वारा तय कीमत पर बेचने के लिए बाध्य किया गया।

(vi) अपेक्षाकृत महँगे सफ़ेद आटे के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। सभी नागरिकों के लिए साबुत गेहूँ से बनी और बराबरी का प्रतीक मानी जाने वाली, ‘समता रोटी’ खाना अनिवार्य कर दिया गया।

(vii) बोलचाल और संबोधन में भी बराबरी का आचार-व्यवहार लागू करने की कोशिश की गई। 

मैक्समिलियन रोबेस्प्येर का अंत : 

रोबेस्प्येर ने अपनी नीतियों को इतनी सख्ती से लागू किया कि उसके समर्थक भी त्राहि-त्राहि करने लगे। अंततः जुलाई 1794 में न्यायालय द्वारा उसे दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार करके अगले ही दिन उसे गिलोटिन पर चढ़ा दिया गया। इसी के साथ फ्रांस में जैकोबिन शासन का भी अंत हो गया | 

आतंक राज के दौरान महिलाओं पर अत्याचार : 

आतंक राज के दौरान सरकार ने महिला क्लबों को बंद करने और उनकी राजनितिक गतिविधियों पर प्रतिबन्ध लगाने वाला कानून लागु किया गया | कई जानी मानी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया और उनमे से कुछ महिलाओं को फाँसी पर चढ़ा दिया गया | 

ATP Education
www.atpeducation.com ATP Education www.atpeducation.com

ATP Education

 

 

Advertisement

NCERT Solutions

Select Class for NCERT Books Solutions

 

 

 

Notes And NCERT Solutions

Our NCERT Solution and CBSE Notes are prepared for Term 1 and Terms 2 exams also Board exam Preparation.

Advertisement

Chapter List


Our Educational Apps On Google Play Store